15 March, 2011

Grade 5 - Hindi Comprehension

19वें कॉमनवेल्थ गेम्स इस वर्ष भारत की राजधानी दिल्ली में आयोजित किए जा रहे हैं. इस साल होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स में कई नई चीजें होंगी. हर नई चीज को जानने से पहले उसके इतिहास के बारे में विस्तार से जान लेना अच्छा होता है.

हर प्रतीक(logo) की तरह ही इसका लोगो (logo)भी समान नहीं रहता हालांकि इसके समान प्रयोग के लिए संघ राष्ट्रमंडल देशों का लोगो ही उपयोग करता है. इस वर्ष होने वाले खेलों में लोगो के रुप में चक्र का प्रयोग किया गया है. चक्र भारत की स्‍वतंत्रता, एकता और शक्ति का राष्‍ट्रीय प्रतीक है. यह सदैव चलते रहने की याद दिलाता है. ऊपर की ओर सक्रिय यह सतरंगा चक्र मानव आकृति में दर्शाया गया है जो एक गर्वोन्‍नत और रंग-बिरंगे राष्‍ट्र की वृद्धि को ऊर्जा देने के लिए भारत के विविध समुदायों को एक साथ लाने का प्रतीक है.

इस वर्ष कुल 17 खेल शामिल किए गए हैं जिनमें प्रमुख हैं: तीरंदाजी, जलक्रीड़ा, एथलेटिक्‍स, बैडमिंटन, मुक्‍केबाजी, साइक्लिंग्, जिमनास्टिक्‍स, हॉकी, लॉनबॉल, नेटबॉल, रगबी 7 एस, शूटिंग, स्कैश, टेबल टेनिस, टेनिस, भारोत्तोलन और कुश्‍ती.

दिल्ली सरकार यातायात को फाइव स्टार बनाना चाहती हो. सडकों और फ्लाइओवर की हालत देख आप एक बार चकरा जाएंगे. हर जगह फ्लाइओवर और पुलों ने यातायात को सुगम बनाने का बीड़ा उठा लिया है.

१) १९वाँ काँमनवेल्थ गेम्स कहाँ और कब आयोजित किया?

२) राट्रमंडल संघ किस लोगो का उपयोग करता है?

३) इस बार के लोंगो में किसका प्रयोग किया गया?

४) चक्र को लोगो के रुप में क्यो प्रयोग किया गया?

५) इस वर्ष कितने खेल काँमनवेल्थ गेम्स मे शामिल किए गए थे?

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आम लक्ष्मीपतियों के भोजन की शोभा तथा गरीबों की उदरपूर्ति का अति उत्तम साधन है। पके फल को तरह तरह से सुरक्षित करके भी रखते हैं। रस का थाली, चकले, कपड़े इत्यादि पर पसार, धूप में सुखा "अमावट" बनाकर रख लेते हैं। यह बड़ी स्वादिष्ट होती है और इसे लोग बड़े प्रेम से खाते हैं। कहीं कहीं फल के रस को अंडे की सफेदी के साथ मिलाकर अतिसार और आँवे के रोग में देते हैं। पेट के कुछ रोगों में छिलका तथा बीज हितकर होता है। कच्चे फल को भूनकर पना बनाकर, नमक, जीरा, हींग, पोदीना इत्यादि मिलाकर पीते हैं, जिससे तरावट आती है और लू लगने का भय कम रहता है। आम के बीज में मैलिक अम्ल अधिक होता है और यह खूनी बवासीर और प्रदर में उपयोगी है।

आम की लकड़ी गृहनिर्माण तथा घरेलू सामग्री बनाने के काम आती है। यह ईधन के रूप में भी अधिक बरती जाती है। आम की उपज के लिए कुछ कुछ बालूवाली भूमि, जिसमें आवश्यक खाद हो और पानी का निकास ठीक हो, उत्तम होती है। आम की उत्तम जातियों के नए पौधे प्राय: भेंटकलम द्वारा तैयार किए जाते हैं। आम की विशेष उत्तम जातियों में वाराणसी का लँगड़ा, बंबई का अलफांजो तथा मलीहाबाद और लखनऊ के दशहरी तथा सफेदा उल्लेखनीय हैं।

१) आम का धनवानों व गरिबो व्दारा उपयोग में क्या अंतर है?

२) आम के पके फल को किस तरह से सुरक्षित कर के रखा जाता है?

३) आम के स्वास्थ वर्धक उपयोग बताइए।

४) आम की लकड़ी के क्या उपयोग हैं?

५) आम की उपज के लिए किस प्रकार की भूमि चाहिए?

६) आमों की विशेष उल्लेखनीय जातियाँ कौन सी हैं?

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विजय पर्व

दशहरे का उत्सव शक्ति और शक्ति का समन्वय बताने वाला उत्सव है। नवरात्रि के नौ दिन जगदम्बा की उपासना करके शक्तिशाली बना हुआ मनुष्य विजय प्राप्ति के लिए तत्पर रहता है। इस दृष्टि से दशहरे अर्थात विजय के लिए प्रस्थान का उत्सव आवश्यक भी है।

भारतीय संस्कृति सदा से ही वीरता व शौर्य की समर्थक रही है। प्रत्येक व्यक्ति और समाज के रुधिर में वीरता का प्रादुर्भाव हो कारण से ही दशहरे का उत्सव मनाया जाता है। यदि कभी युद्ध अनिवार्य ही हो तब शत्रु के आक्रमण की प्रतीक्षा ना कर उस पर हमला कर उसका पराभव करना ही कुशल राजनीति है। भगवान राम के समय से यह दिन विजय प्रस्थान का प्रतीक निश्चित है। भगवान राम ने रावण से युद्ध हेतु इसी दिन प्रस्थान किया था। मराठा रत्न शिवाजी">शिवाजी ने भी औरंगजेब">औरंगजेब के विरुद्ध इसी दिन प्रस्थान करके हिन्दू धर्म का रक्षण किया था।

१) दशहरे का उत्सव क्या बताता है?

२) विजय के लिए प्रस्थान का उत्सव क्यों आवश्यक है?

३) भारतीय संस्कृति किसकी समर्थक रही है?

४) दशहरे का उत्सव क्यों मनाया जाता है?

५) कुशल राजनिती क्या है?

६) दशहरे के दिन विजय प्रस्थान के किनके उदाहरण दिए गए हैं?

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तेनाली राम के बारे मे:

1520 ई. में दक्षिण भारत के विजयनगर राज्य में राजा कृष्णदेव राय हुआ करते थे। तेनाली राम उनके दरबार में अपने हास-परिहास से लोगों का मनोरंजन किया करते थे। उनकी खासियत थी कि गम्भीर से गम्भीर विषय को भी वह हंसते-हंसते हल कर देते थे।
उनका जन्म गुंटूर जिले के गलीपाडु नामक कस्बे में हुआ था। तेनाली राम के पिता बचपन में ही गुजर गए थे। बचपन में उनका नाम ‘राम लिंग’ था, चूंकि उनकी परवरिश अपने ननिहाल ‘तेनाली’ में हुई थी, इसलिए बाद में लोग उन्हें तेनाली राम के नाम से पुकारने लगे।
विजयनगर के राजा के पास नौकरी पाने के लिए उन्हें बहुत संघर्ष करना पड़ा। कई बार उन्हें और उनके परिवार को भूखा भी रहना पड़ा, पर उन्होंने हार नहीं मानी और कृष्णदेव राय के पास नौकरी पा ही ली। तेनाली राम की गिनती राजा कृष्णदेव राय के आठ दिग्गजों में होती है।

१) तेनाली राम क्या कार्य करते थे?

२) तेनाली राम की क्या विशेषता थी?

३) राजा कृष्णदेवराय कहाँ राज करते थे?

४) तेनाली राम का जन्म कहाँ हुआ था?

५) तेनाली राम यह नाम उन्हें कैसे मिला?

६) तेनाली राम की गिनती किसमें होती है?

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चोट को समझा वीरता की निशानी

किसी नगर में युधिष्ठिर नाम का कुम्हार रहता था। एक बार वह नशे की हालत में दौड़ते समय लड़खड़ाकर गिर पड़ा। उसके सिर पर घड़े के टूटे हुए टुकड़े से घाव हो गया। उसकी लापरवाही से घाव बढ़ता गया और महीनों बाद मुश्किल से ठीक हुआ।
तभी वहां अकाल पड़ गया। इसलिए कुम्हार अपना नगर छोड़ परदेश चल पड़ा। भटकता-भटकता एक दिन वह जीविका की आशा से राजदरबार में आ पहुंचा। उसके माथे पर चोट का गहरा निशान देखकर राजा ने सोचा-‘यह अवश्य कोई बहादुर व्यक्ति है।
इसके माथे पर इतना बड़ा घाव अवश्य वीरतापूर्वक किसी से युद्ध करते समय ही लगा होगा।’ इसलिए राजा ने उसे अपनी सेना में पद दे दिया। इतना ही नहीं, राजा ने उसे अपना विशेष कृपापात्र बना लिया। उसे राजा से इतना मान-सम्मान पाते देख दूसरे राजदरबारी उससे चिढ़ने लगे।
एक बार राजा को युद्ध की तैयारी करनी पड़ी। जब सारे योद्धा लड़ाई के लिए तैयार हो रहे थे तो राजा ने असमंजस में पड़े उस कुम्हार से एकांत में पूछा-‘भद्र तुम्हारा नाम क्या है? और तुम्हारे सिर पर यह घाव किस युद्ध में लगा था?’
कुम्हार ने कहा- ‘महाराज, मेरे माथे पर घाव किसी युद्ध में अस्त्र-शस्त्र से नहीं, बिल्क एक बार नशे में मिट्टी के घड़े पर गिर जाने के कारण लग गया था। मैं कुम्हार हूं। मेरा नाम युधिष्ठिर है।’ राजा को अपने किए पर बड़ी लज्जा आई। इसके कारण वह अपने कितने ही शूरवीर योद्धाओं की उपेक्षा करता रहा। राजा ने उसे सेना से निकला दिया।

१) कुम्हार का क्या नाम था?

२) उसके सिर पर चोंट का निशान कैसे बना?

३) राजा ने कुम्हार के चोंट को देखकर क्या अंदाजा लगाया?

४) दुसरे राजदरबारी कुम्हार से क्यों चिढ़ने लगे?

५) चोट की सच्चाई पता लगने पर क्या किया?

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कबीर सन्त कवि और समाज सुधारक थे। ये सिकन्दर लोदी">सिकन्दर लोदी के समकालीन थे। कबीर का अर्थ अरबी">अरबी भाषा में महान होता है। । कबीरपंथी, एक धार्मिक समुदाय जो कबीर के सिद्धांतों और शिक्षाओं को अपने जीवन शैली का आधार मानते हैं,काशी के इस अक्खड़, निडर एवं संत कवि का जन्म लहरतारा के पास सन् १३९८ में ज्येष्ठ पूर्णिमा">पूर्णिमा को हुआ। जुलाहा परिवार में पालन पोषण हुआ, संत रामानंद के शिष्य बने और अलख जगाने लगे। कबीर सधुक्कड़ी भाषा में किसी भी सम्प्रदाय और रूढ़ियों की परवाह किये बिना खरी बात कहते थे। हिंदू-मुसलमान सभी समाज में व्याप्त रूढ़िवाद तथा कट्टरपंथ का खुलकर विरोध किया। कबीर की वाणी उनके मुखर उपदेश उनकी साखी, रमैनी, बीजक, बावन-अक्षरी, उलटबासी में देखें जा सकते हैं। गुरु ग्रंथ साहब में उनके २०० पद और २५० साखियां हैं। काशी में प्रचलित मान्यता है कि जो यहॉ मरता है उसे मोक्ष प्राप्त होता है। रूढ़ि के विरोधी कबीर को यह कैसे मान्य होता। काशी छोड़ मगहर (पृष्ठ मौजूद नहीं है)">मगहर चले गये और सन् १५१८ के आस पास वहीं देह त्याग किया। मगहर में कबीर की समाधि है जिसे हिन्दू मुसलमान दोनों पूजते हैं।

१) कबीर कौन थे?

२) कबीर का अरबी भाषा में क्या अर्थ होता है?

३) कबीर पंथी कौन हैं?

४) कबीर का जन्म कब और कहाँ हुआ था?

५) इनका पालन पोषण कहाँ हुआ?

६) कबीर ने किसका विरोध किया?

७) कबीर ने काशी को क्यों त्याग दिया?

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कल्पना चावला (१ जुलाई, १९६१ - १ फ़रवरी २००३), एक भारतीय अमेरिकी (पृष्ठ मौजूद नहीं है)">भारतीय अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री (पृष्ठ मौजूद नहीं है)">अंतरिक्ष यात्री और अंतरिक्ष यान">अंतरिक्ष शटल मिशन विशेषज्ञ थी। वे कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा (पृष्ठ मौजूद नहीं है)">कोलंबिया अन्तरिक्ष यान आपदा में मारे गए सात यात्री दल सदस्यों में से एक थीं। कल्पना चावला करनाल">करनाल, हरियाणा">हरियाणा, भारत में एक सनातन धर्म">हिंदू भारतीय परिवार में पैदा हुई थीं। उनकी उड़ान में दिलचस्पी जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा">जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा, से प्रेरित थी जो एक अग्रणी भारतीय विमान चालक (पृष्ठ मौजूद नहीं है)">विमान चालक और उद्योगपति थे। उनका जन्म १ जुलाई सन् १९६१ मेJMM एक भारतीय परिवार में. हुआ था।

कल्पना चावला संयुक्त राज्य अमेरिका के लिए १९८२ में चली गईं और वैमानिक अभियान्त्रिकी">वैमानिक अभियान्त्रिकी ( space ingeering ) में विज्ञान निष्णात की उपाधि टेक्सास विश्वविद्यालय आर्लिंगटन (पृष्ठ मौजूद नहीं है)">टेक्सास विश्वविद्यालय आर्लिंगटन से प्राप्त की (१९८४)। कल्पना जी को हवाईजहाज़ों, ग्लाइडरों व व्यावसायिक विमानचालन के लाइसेंसों के लिए प्रमाणित उड़ान प्रशिक्षक का दर्ज़ा हासिल था। उन्हें एकल व बहु इंजन( singal & multi engine ) वायुयानों के लिए व्यावसायिक विमानचालक के लाइसेंस भी प्राप्त थे। अन्तरिक्ष यात्री बनने से पहले वो एक सुप्रसिध नासा की वैज्ञानिक थी।

१) कल्पना चावला कौन थी?

२) उनकी दिलचस्पी किस में थी?

३) उनकी दिलचस्पी हेतु किससे प्रेरणा मिली?

४) अंतरिक्ष यात्री बनने से पहले वें क्या थी?

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लाल किला, दिल्‍ली

दिल्‍ली का लाल किला का यह नाम इसलिए पड़ा क्‍योंकि यह लाल पत्‍थरों से बना है और यह दुनिया के सर्वाधिक प्रभावशाली भव्‍य महलों में से एक है। भारत का इतिहास भी इस किले के साथ काफी नजदीकी से जुड़ा है। यहीं से ब्रिटिश व्‍यापारियों ने अंतिम मुगल शासक, बहादुर शाह जफर को पद से हटाया था और तीन शताब्दियों से चले आ रहे मुगल शासन का अंत हुआ था। यहीं के प्राचीर से भारत के प्रथम प्रधानमंत्री, पंडित जवाहर लाल नेहरू ने घोषणा की थी कि अब भारत उपनिवेशी राज से स्‍वतंत्र है।

मुगल शासक, शाहजहां ने 11 वर्ष तक आगरा से शासन करने के बाद तय किया कि राजधानी को दिल्‍ली लाया जाए और यहां 1618 में लाल किले की नींव रखी गई। वर्ष 1647 में इसके उद्घाटन के बाद महल के मुख्‍य कक्ष भारी पर्दों से सजाए गए और चीन से रेशम और टर्की से मखमल ला कर इसकी सजावट की गई। लगभग डेढ़ मील के दायरे में यह किला अनियमित अष्‍टभुजाकार आकार में बना है और इसके दो प्रवेश द्वार हैं, लाहौर और दिल्‍ली गेट।

१) दिल्ली के लाल किले का नाम लाल किला क्यों पड़ा?

२) भारत के इतिहास से लाल किले का क्या संबंध है?

३) मुगल शासक शाहजहां के शासन काल में लाल किले में क्या बदलाव लाया गया?

४) ‘प्रधानमंत्री’ व ‘उद्घाटन’ का अपने वाक्यों में प्रयोग करो।

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6 comments:

Anonymous said...

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Thnx
Vibha Kapoor

shalu said...

really very nice comprehension study. Please post more for class 6 & class 10

Anonymous said...

thank you very much please do the favours for grade 8 also.

pushplata

manasvi said...

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Anonymous said...

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neema said...

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